याकूब 1:12 - Garhwali12 जु मनखि अजमैसों मा भि टिक्यूं रौन्दु उ धन्य च, किलैकि जब उ अजमैसों मा सफल ह्वे जान्दु, तब वेतैं जीवन को मुकुट मिललु। किलैकि जु मनखि परमेस्वर से प्यार करदु, वेतैं यू मुकुट देण को करार परमेस्वर न कर्युं च। အခန်းကိုကြည့်ပါ။गढवली नयो नियम12 धन्य च उ आदिम, जु अजमैश का बगत भि मजबूत रौंदो; किलैकि जब उ अजमैश तैं पार कैरी दींदो तब पिता परमेश्वर वे तैं अनन्त जीवन को मुकुट दयालो, ज्यांको वादा पिता परमेश्वर ल अपड़ा प्रेम रखण वलो दगड़ी करयूं च। အခန်းကိုကြည့်ပါ။ |
अर हरेक उ मनखि जु दौड़ मा सामिल होण चान्दु, पैलि उ भौत मेनत करदु अर अपणी हरेक इच्छा तैं मरदु अर यू सब कुछ त उ जीतणु खुणि करदु, ताकि उ जीत का इनाम तैं पै सैको जैन एक दिन नास ह्वे जाण। मगर मि तुमतै बतै देन्दु कि हम बिस्वासी लोग सब कुछ पिता परमेस्वर खुणि करद्यां अर हमतै इन्द्रयो इनाम मिलण जैको नास कभि नि होण।
इलै अब जु दुख-तकलीफ तुम कुछ देर खुणि सौणा छाँ, वे कष्ट बटि पिता परमेस्वर तुमतै भैर निकळळु, अर तुमरा बिस्वास की बुनियाद तैं और भि जादा मजबूत अर पक्कु करलु, किलैकि पिता परमेस्वर ही च, जु कि अपणी पूरि किरपा करदु अर वेन ही तुमतै यीशु मसीह का द्वारा मिलण वळा आदर-सम्मान मा अपणा पास बुलयूं च, जु कि सदनि को च।