इब्रानी 6:2 - Garhwali2 अर ना ही अब तुमतै ईं बात का बारा मा शिक्षा देण कि जरुरत च। जन कि, पाणि मा डुबकी लेके बपतिस्मा लेण का बारा मा, हाथ रखी के प्रार्थना करण का बारा मा या मुरदो मा बटि ज्यून्द होण का बारा मा, या फिर औण वळा बगत मा न्याय का बारा मा। အခန်းကိုကြည့်ပါ။गढवली नयो नियम2 अर बपतिस्मा अर विश्वासियों पर हथ रखि के आशीष दींण की विधि, अर मुरयां लुखुं का ज्यून्दो हूंण, अर अनन्त विनाश की शिक्षारूपी बुनियाद, दुबरा नि डाला। အခန်းကိုကြည့်ပါ။ |
अर ये नगर मा इपिकूरी अर स्तोईकी नौ का दुई ज्ञानी दल छा, अर यों दलों मा बटि कुछ लोग पौलुस बटि मिलिनी। अर ऊं बटि कुछ लोगु न बोलि, “यू कचर-कचर करण वळु मनखि क्या च बोन्नु?” दुसरो न बोलि, “अरे यू त पता नि कौं द्यबतों का बारा मा बतौणु च।” (अर या बात त ऊंन इलै बोलि, किलैकि पौलुस यीशु का बारा मा, अर मुरदो मा बटि मा ज्यून्द होण का बारा मा बतौणु छौ)।