इब्रानी 11:4 - Garhwali4 अर बिस्वास का द्वारा ही पितर हाबिल न परमेस्वर तैं इन्द्रयो बलिदान चड़ै जु कि वेका भै कैन का बलिदान से उत्तम छौ। अर परमेस्वर न वेका बलिदान तैं अर वेतैं एक धरमी मनखि का रुप मा स्वीकार कैरी, हालांकि पितर हाबिल मोरि गै मगर फिर भि वेको बिस्वास आज हम लोगु खुणि एक सबक च। အခန်းကိုကြည့်ပါ။गढवली नयो नियम4 विश्वास ही का कारण आदम का नौंना हाबिल ल अपड़ा बड़ा भैय कैन से बढ़िया बलिदान पिता परमेश्वर कु चढै; अर वीं भेट का द्वारा पिता परमेश्वर ल हाबिल तैं एक धर्मी का रूप मा स्वीकार कैरी; पिता परमेश्वर वेका बलिदान बट्टी खुश छो, हाबिल अपड़ी मौत का बाद भि, हम तैं सिखै गै कि विश्वास कन हूंण चयणु च। အခန်းကိုကြည့်ပါ။ |
हे मेरा भै-बैंणो, हम इन्द्रया ही भौत सा लोगु का बारा मा जणदा छां, जु कि बिस्वास का बारा मा हमतै हौसला देन्दा छिन। इलै अब हम पक्कु बिस्वास बणै के रखा, ठिक उन्नि जन एक खिलाड़ी अपणा बाटा मा औण वळी रुकावट तैं दूर करदु, ठिक इन्नि हम भि सब पापों तैं छोड़ि द्या अर सबर रखी के हरेक किसम की परेसानी तैं झेली के परमेस्वर का पिछनै चलण वळा बणा।