हे मेरा दगड़्यों, पिता परमेस्वर स्वर्ग बटि अपणु गुस्सा ऊं सब लोगु पर दिखान्दु जु कि दुष्ट छिन अर वेकी भक्ति तैं नि करदिन, अर जु लोग अन्यो कैरिके सच्च तैं दबै के रखदिन।
इलै तुमतै पिता परमेस्वर की आज्ञा मनण वळा बच्चों का जन होण चयेणु। अब अपणी बुरी इच्छा का मुताबिक काम नि कैरा, जन तुम पैलि करदा छा। पर याद रखा यू काम त तुम वे बगत करदा छा, जब तुमरा पास यू ज्ञान नि छौ।
त यों का आंखा हमेसा इन्दरि जनानि कि ताक मा रौनदिन, जिं का दगड़ा मा यू गळत काम कैरी सैका। अर इन कैरिके यों का आंखा पाप करण खुणि ही लग्यां रौनदिन। अर यू लोग चंचल मन वळो तैं भरमै देन्दिन, अर यों का मन मा भौत लालच भोरयूं च। असल मा यू वु लोग छिन जौं पर असगार पोड़्यूं च।