कुलुसी 2:1 - Garhwali1 हे मेरा बिस्वासी भै-बैंणो, तुम जु कुलुसी अर लौदीकिया नगर मा रौण वळा छाँ, तुमुन अर ठिक उन्नि जौं लोगु न मितैं कभि नि देखि, मि चान्दु छौं कि तुम यू जणिल्या, कि मि तुमरा खातिर कथगा कड़ी मेनत करदु। အခန်းကိုကြည့်ပါ။गढवली नयो नियम1 मि इन चांणु छों कि तुम यु जांणि ल्यावा, कि मि तुम कु अर ऊंकु जु लौदीकिया शहर मा छिनी, अर ऊं सभियूं कु जौं तैं मि आज तक नि मिल, कन मेहनत करदु छों। အခန်းကိုကြည့်ပါ။ |
अर तुमुन यीशु तैं नि देखि, अर ना ही वेतैं अभि दिखद्यां, मगर फिर भि तुम वे पर बिस्वास करद्यां, अर वेसे प्यार भि करद्यां, मगर सुणा, न्याय का दिन पर उ तुमरा बिस्वास का द्वारा ही तुमरि आत्मा तैं बचालु। अर यू बड़ु आनन्द तुमतै भरपूर कैरी द्यालु, जैको बखान हम अभि नि कैरी सकद्यां, किलैकि यू वु आनन्द च जु कि पिता परमेस्वर की महान आसीस से भरपूर होलु।