खास चेलों 15:20 - Garhwali20 बल्किन अब इन कैरा कि ऊं लोगु खुणि एक चिठ्ठी लिखा। अर ऊं लोगु तैं वु खाणु कू मना कैरा जु मूरत का अगनै चड़ये जान्दु, अर ऊंतैं गळत सम्बन्ध बणौण से भि दूर रौण कू लिखा। अर इन भि लिखा कि तुम लोग गौळा दबै के मुरयां जानबरों की सिकार नि खयां, अर ना ही कै जानबर को ल्वे खयां-पीयां। အခန်းကိုကြည့်ပါ။गढवली नयो नियम20 पर हम ऊं तैं एक चिठ्ठी लिखीं कै भेजा, कि उ वे मांस तैं नि खये जै तैं लुखुं ल मूर्तियों तैं चढ़ायूं च अर व्यभिचार अर गौलो घोंटी कै मर्यां जानवरों कु मांस नि खयां अर जानवरों को ल्वे नि खयां। အခန်းကိုကြည့်ပါ။ |
अर यू सब बतौणु खुणि ही मि तुम खुणि इन लिखणु छौं, कि तुमतै इन्द्रया लोगु का दगड़ा मा मेल-जोल नि रखण चयेणु, जु खुद तैं मसीह का लोग बतौन्दिन, मगर दुसरो का दगड़ा मा गळत सम्बन्ध रखदिन, या लालची छिन, अर मूरत पूजा या गळी देण वळा छिन, या फिर दरोळया, दुसरो तैं धोखा देण वळा छिन। अरे, मि तुमतै बतै देन्दु कि इन्द्रया लोगु का दगड़ा मा खाणुक खाण भि छोड़ि द्या।
अर कुछ लोग त इन भि बुल्दिन कि, “पुटगु त इलै ही च कि खाणुक खये जौ, अर खाणुक भि इलै ही च कि पुटगु भुरे जौ।” अर चला, मणद्यां कि या बात ठिक च, मगर औण वळा बगत मा पिता परमेस्वर न यों दुईयों को नास कैरी देण। हे मेरा दगड़्यों, जैका दगड़ा मा तुमरो ब्यौ नि कर्युं वेका अलावा कै दुसरा का दगड़ा मा गळत सम्बन्ध नि रखा, किलैकि या बात तुमरा सरील खुणि ठिक नि च। अर तुम मेरी बात तैं ध्यान से सुणा, केवल प्रभु यीशु ही च जु कि हमरा सरील को मालिक च।
हे मेरा दगड़्यों, अब मि ऊं चीजों का बारा मा बतौण चान्दु, जु कुछ भि मूरत का अगनै चड़ये जान्दु, वीं सच्चै का बारा मा तुम जणदा ही छाँ, अर वेका बारा मा तुम सभ्यों का पास पूरु ज्ञान च। अर अगर तुम कैं चीज का बारा मा जणदा छाँ, त याद रखा कि जादा ज्ञान होण से मनखि का मोन भौत चैड़ि जनदिन, पर अगर जु हम एक-दुसरा से प्यार करद्यां, त यां से एक-दुसरे की तरक्की होन्दी।
अर मितैं ईं बात कि चिन्ता च कि जब मि तुमरा पास फिर से औलु, अर अगर जु तुमरा बीच मा भौत सा लोग अभि भि अपणा पुरणा पापों मा ही फंस्यां छिन, अर अपणा मनों मा गळत विचार रखदिन, या सरील का गळत सम्बन्ध रखणा छिन, जौन अपणा यों पापों से पस्ताप नि कैरी त मितैं तुमरि खातिर दीन होण पोड़लु, अर पिता परमेस्वर का समणि रुंण पोड़लु।
किलैकि तुम लोगु न पैलि अपणा जीवन तैं दुनियां का लोगु का दगड़ा मा मिली के बुरी इच्छाओं तैं पूरु करण मा भौत बरबाद कैरियाली, जन कि भोग-बिलास, हवस, दरोळया होण, अर दुनियां की रंगरेलीयों मा, घतोलि-घतोलि के दारु पीण मा, अर मूरत पूजा करण जु कि इन्द्रया काम छिन जौं से की पिता परमेस्वर तैं घिण औन्दी, अर तुम भि पैलि इन्नि कामों मा लग्यां रौन्दा छा।
“मगर फिर भि तुमरा खिलाप मा बुलणु खुणि मि मा कुछ ही बात छिन कि तुमरा बीच मा कुछ लोग इन्द्रया छिन जु कि बिलाम की शिक्षा तैं मणदिन, हाँ, बिलाम जैन राजा बालक तैं सिखै छौ कि कुछ इन कैर, ज्यां से कि इस्राएली लोग मूरतों का अगनै अरपण मा चड़ईं चीजों तैं खा, अर ऊं खुणि इन जाल बिछौ कि ऊंका नौना सरील का गळत सम्बन्ध तैं ही पूरु करण पर लग्यां रा।
“मगर फिर भि तुमरा खिलाप मा बुलणु खुणि मि मा इन च कि तुम लोग वीं इजेबेल जनानि तैं अपणा बीच मा रौण देन्द्यां, ज्वा कि खुद तैं परमेस्वर की रैबर्या बतौन्दी, अर मेरा सेवकों तैं भटकौन्दि अर अपणी शिक्षा देके ऊंतैं सरील का गळत सम्बन्ध बणौणु खुणि, अर मूरतों का अगनै अरपण मा चड़ईं चीजों तैं खाणु खुणि उकसौन्दी च।