खास चेलों 11:3 - Garhwali3 अर ऊंन वेकू बोलि कि, “तू इन्द्रया लोगु का घौर मा गै, जौन अपणा सरील मा खतना का रिवाज तैं पूरु नि कर्युं छौ अर तिन ऊंका दगड़ा मा खाणु भि खै।” အခန်းကိုကြည့်ပါ။गढवली नयो नियम3 कि “तिल अन्यजातियों का घौर मा जै के खांणु किलै खै?” အခန်းကိုကြည့်ပါ။ |
अर वेन ऊंकू बोलि कि, “तुम लोग त जणदा ही छाँ, कि कै भि यहूदी जाति का मनखि तैं दुसरि जाति का लोगु का दगड़ा मा कन्द्रयो भि मेल-जोल रखण या ऊंका इख जाण, हमरा नियम-कानूनों का खिलाप मा च। मगर फिर भि परमेस्वर न मितैं इन दिखै, कि मि कै भि मनखि तैं इन नि समझु, कि वु पवित्र नि च या परमेस्वर कैतैं स्वीकार नि करदु।
अर यू सब बतौणु खुणि ही मि तुम खुणि इन लिखणु छौं, कि तुमतै इन्द्रया लोगु का दगड़ा मा मेल-जोल नि रखण चयेणु, जु खुद तैं मसीह का लोग बतौन्दिन, मगर दुसरो का दगड़ा मा गळत सम्बन्ध रखदिन, या लालची छिन, अर मूरत पूजा या गळी देण वळा छिन, या फिर दरोळया, दुसरो तैं धोखा देण वळा छिन। अरे, मि तुमतै बतै देन्दु कि इन्द्रया लोगु का दगड़ा मा खाणुक खाण भि छोड़ि द्या।