अर पतरस न दरसन मा जु कुछ देखि छौ, वीं बात तैं लेके उळझण मा पोड़ि गै, कि ईं बात को मतलब क्या ह्वे सकदु। अर सुणा, जौं लोगु तैं कुरनेलियुस न भेजि छौ ऊ लोग शमौन चमड़ा वळा का घौर को पता लगौन्द-लगौन्द वेका द्वार तक पौंछी गैनी।
इलै मिन तुमतै बुलाणु खुणि अपणा लोगु तैं तुरन्त भेजि, अर या बात अच्छी च कि तुम इख ऐ भि ग्यां। अब जु कुछ भि वचन परमेस्वर न तुमतै दिईं, वु सब कुछ सुनणु खुणि ही हम इख इकट्ठा होयां छां, अर परमेस्वर भि हमरा बीच मा च।”
अर जब वु स्वर्गदूत उख बटि चलि गै जैन वेसे बात कैरी छै, तब कुरनेलियुस न अपणा दुई नौकरों तैं अर जु लोग वेका दगड़ा मा रौन्दा छा ऊंमा बटि एक खास भक्त सिपै तैं बुलै,
अर याफा नगर मा तबीता नौ की एक बिस्वासी जनानि रौन्दी छै (अर तबीता तैं यूनानी भाषा मा दोरकास बुल्दिन, दोरकास मतलब हिरणी)। अर वा भौत अच्छा काम करदी छै, अर जरुरतमन्द लोगु तैं दान-दकछिणा देन्दी छै।
अर याफा नगर का बिस्वासी लोगु न सुणी कि पतरस लुद्दा नगर मा च, त ऊंन दुई लोगु तैं वेका पास भेजि के वेसे बिन्ती कैरी कि, “तुम जल्दी से जल्दी हमरा पास ऐ जा।” अर यू लुद्दा नगर याफा नगर का नजदीक ही छौ।
वु अपणा पुत्र तैं मि पर परगट कैरो, ताकि मि वेका पुत्र यीशु मसीह को परचार ऊं लोगु का बीच मा जैके कैरुं जु यहूदी जाति का नि छिन। अर जब मेरा दगड़ा मा इन ह्वे, त मि तुरन्त सला लेणु खुणि कै मनखि का पास नि ग्यों।