18 अर ऊंन धै लगै के पूछी, “शमौन जैकू पतरस भि बुले जान्दु क्या वु इखि छिन?”
18 “शमौन, जै तैं पतरस बुल्दींनि, क्य उ इख मेहमान च?”
अर पतरस न दरसन मा जु कुछ देखि छौ, वीं बात तैं लेके उळझण मा पोड़ि गै, कि ईं बात को मतलब क्या ह्वे सकदु। अर सुणा, जौं लोगु तैं कुरनेलियुस न भेजि छौ ऊ लोग शमौन चमड़ा वळा का घौर को पता लगौन्द-लगौन्द वेका द्वार तक पौंछी गैनी।
पतरस अभि तक वे दरसन का बारा मा सुचणु ही छौ, कि तबरि पवित्र आत्मा न वेकू बोलि, “सुण, तीन लोग त्वेतै खुज्याणा छिन।
अर सुणा, वे ही बगत जै घौर मा हम छा, उख तीन लोग पौंछी गैनी। अर ऊंतैं मेरा पास कैसरिया नगर बटि भेजि गै छौ।