13 फिर एक आवाज ऐ कि, “हे पतरस उठ, यों तैं मार अर खै ले।”
13 तब पतरस ल य आवाज सूंणि, “हे पतरस, उठ अर यूं चीजों तैं मारि के खा।”
अर वेतैं भौत तेज भूक लगि अर वेन कुछ खाण चै, मगर खाणुक बणणे की तयारी ही चलणी छै, तब उ अपणा सुद-बुद मा नि रै।
अर वेमा हरेक किसम का जानबर याने की चार खुटों वळा जानबर, रिंगण वळा, अर पंछि भि छा।
मगर वेन बोलि, “ना प्रभु कभि भि ना, अगर मितैं कुई भि चीज खाणु कू मिलेली त मिन वींतैं इन्नि नि खै देण, किलैकि आज तक मिन ऊं चीजों तैं नि खै जु कि अशुद्ध अर पवित्र नि छिन।”