अर जु रोमी सुबेदार अर दुसरा सिपै यीशु की पैरेदारी कना छा, ये भ्वींचळा का औण से अर जु कुछ भि ह्वे वां से ऊ भौत डौऽरी गैनी। तब ऊंन बोलि, “सच्चि मा यू परमेस्वर को पुत्र छौ।”
तब यहूदा, रोमी सिपयों को एक दल तैं, अर मुख्य पुरोहितों अर फरीसी दल का लोगु की तरफा बटि भेज्यां मन्दिर का पैरादारों तैं लेके ऐ। अर ऊंका हाथों मा लालटेन, मसाल अर हथियार भि छा।
अर दुसरा दिन पतरस अर ऊ सब लोग याफा से कैसरिया नगर मा पौंछिनी। अर कुरनेलियुस ऊंको इंतजार कनु छौ, अर वेन अपणा रिश्तेदारों अर अपणा खास दगड़्यों तैं भि बुलै के अपणा इख इकट्ठा कैरी।
अर दुसरा दिन हम उख बटि कैसरिया नगर मा पौंछयां अर उख हम शुभ समाचार को परचार करण वळा फिलिप्पुस भै बटि मिल्यां, अर वेका घौर मा रयां, अर यू खास चेला लोगु की मदद करण खुणि चुण्यां सात बिस्वासी लोगु मा बटि एक छौ।
मगर जब सिपै पौलुस तैं कोड़ा मरणु खुणि चमड़ा का ज्यूड़ोळ बान्धि, त पौलुस न उखम खड़ा सुबेदार कू बोलि, “साब, एक बात बता अगर कुई रोमी नागरिक जैको अपराध सिद्ध नि ह्वे हो, त क्या या बात नियम का मुताबिक सही च?”
तब सेनापति न अपणा दुई सुबेदारों तैं बुलै अर ऊंकू बोलि, “सुणा दुई सौ सिपै, अर सत्तर घुड़सवार, अर दुई सौ भाला चलौण वळा सिपै तयार कैरा, अर राति नौ बजी तक ऊंतैं कैसरिया नगर जाणु खुणि तयार रखा।
अर जब इन फैसला ह्वे गै कि अब हमतै कैसरिया नगर बटि निकळि के जाज को सफर शुरु कैरिके इटली देस कू जाण पोड़लु, त ऊंन पौलुस अर कुछ और कैदियों तैं यूलियुस नौ का एक सुबेदार का सुपुर्द कैरी दिनी। अर यूलियुस महाराजा की पलटण को सुबेदार छौ।
मगर फिलिप्पुस न अफ तैं अशदोद नगर मा देखि। तब उ कैसरिया नगर कू जाण लगि गै, अर कैसरिया नगर मा पौंछण से पैलि वेन बाटा मा औण वळा सब नगरों मा शुभ समाचार सुणै।