2 तीमुथियुस 4:8 - Garhwali8 अर अब जीत को इनाम मि खुणि रख्युं च, अर वु इनाम परमेस्वर की नजर मा धरमी जीवन जीण वळो तैं मिलदु, जु कि स्वर्ग मा च। अर जब हमरु धरमी प्रभु न्याय करणु खुणि आलु, त उ मितैं इनाम का तौर पर जीत को मुकुट द्यालु अर सिरफ मितैं ही ना, बल्किन मा ऊं लोगु तैं भि द्यालु जु वेका इंतजार बड़ी आस लगै के कना छिन। အခန်းကိုကြည့်ပါ။गढवली नयो नियम8 प्रभु मि तैं एक ताज दयालो जु धार्मिकता को ताज च, यु ईनाम मि तैं वे दिन मिललो जब उ सचै का दगड़ी न्याय कनु कु वापिस आलो, अर यु भस मि तैं ही न बल्कि ऊं सभियूं तैं भि यु दयालो जु वेकी वापिस आंणै की चाह करदींनि। အခန်းကိုကြည့်ပါ။ |
अर हरेक उ मनखि जु दौड़ मा सामिल होण चान्दु, पैलि उ भौत मेनत करदु अर अपणी हरेक इच्छा तैं मरदु अर यू सब कुछ त उ जीतणु खुणि करदु, ताकि उ जीत का इनाम तैं पै सैको जैन एक दिन नास ह्वे जाण। मगर मि तुमतै बतै देन्दु कि हम बिस्वासी लोग सब कुछ पिता परमेस्वर खुणि करद्यां अर हमतै इन्द्रयो इनाम मिलण जैको नास कभि नि होण।
प्रिय तीमुथियुस, हमरु यीशु मसीह जल्द लोगु पर राज करणु खुणि अर ज्यून्दा अर मुरयां लोगु को न्याय करणु कू औण वळु च। इलै मि पिता परमेस्वर तैं, अर हमरा यीशु मसीह तैं गवा माणी के त्वेतै हुकम देन्दु कि, तू परमेस्वर का वचन को परचार कैर, लोग तेरी सुणा या नि सुणा पर तू हर दसा मा तयार रौ। अर हरेक बात तैं सै के अर लोगु तैं उपदेस देके, जब वु गळत कैरा त ऊंका दोष तैं बतौ अर ऊंतैं झिड़की के सिखौ अर समझौ, कि ऊंतैं क्या करण चयेणु।