2 पतरस 2:18 - Garhwali18 अर झूठ्ठा लोग बेकार कि बात करदिन, अर अपणा गन्दा कामों का द्वारा दुसरा लोगु तैं सरील की बुरी इच्छा मा फंसै देन्दिन। अर अभि-अभि जु लोग सच्चै का बाटा पर चलण लगि गै छा, यू ऊंतैं फिर से भटके देन्दिन। အခန်းကိုကြည့်ပါ။गढवली नयो नियम18 जब उ लुखुं तैं शिक्षा दींदिनि, त उ बेकार अर घमण्ड से भुरयां शब्दों को इस्तेमाल करदींनि। उ लुखुं तैं बतौंदींनि कि उ ऊं शर्मनाक कामों तैं कैरी सकदींनि जु ऊंकी देह कन चांदी अर उ ऊं लुखुं तैं दुबरा पाप कनु कु भरमै दींदिनि जु अभि-अभि इन दुष्टता का जीवन बट्टी बची के निकलयां छिनी। အခန်းကိုကြည့်ပါ။ |
अर हमरु सभौ दिन का उज्याळा का जन हो। हाँ, जन दिन को उज्याळु सभ्यों पर चमकदु, ठिक उन्नि हमरु सभौ भि हो ताकि वेका द्वारा हम सब लोगु खुणि अच्छु सभौ वळा बणि जा। अर नऽ त हमतै मौज-मस्ती करण चयेणी, अर ना ही हमतै नसा करण वळु होण चयेणु। अर नऽ त हमतै गळत सम्बन्ध रखण चयेणा, अर ना भोग-बिलास करण चयेणु, अर नऽ त हमतै कै का दगड़ा मा लड़ै-झगड़ा करण चयेणा, अर ना ही हमतै एक-दुसरा तैं देखि के जलत्यौण चयेणु।