2 कुरिन्थि 8:21 - Garhwali21 इलै हम सिरफ ऊं बातों की ही चिन्ता नि करद्यां जु प्रभु का समणि भली छिन, पर ऊं बातों की भि चिन्ता करद्यां जु कि मनखियों का समणि भली छिन। အခန်းကိုကြည့်ပါ။गढवली नयो नियम21 किलैकि जु बात भस प्रभु ही का नजीक न, पर मनिख्युं का भि नजीक अच्छी च हम ऊं कामों तैं अच्छा ढंग से कनु कु ध्यान दींदयां। အခန်းကိုကြည့်ပါ။ |
अर येका दगड़ा-दगड़ि हम एक और बिस्वासी भै तैं ऊंका दगड़ा मा भेजणा छां। अर मिन कई बार प्रभु खुणि ये मनखि का काम तैं देखि, अर मितैं वेका बारा मा पता च कि उ प्रभु कि सेवा मा मदद करणु खुणि हमेसा तयार रौन्दु। अर उ भि ईं बात तैं जणदु च कि तुम लोग ये दान तैं दुसरा बिस्वासी लोगु का समणि देण चाणा छाँ, अर यू आदिम यों दुई भैयों का दगड़ा मा औणु खुणि भौत खुश च।
इलै हे मेरा भै-बैंणो, कुछ और बात भि छिन जु की सच्चि अर सोच-विचार करण का लैख छिन, अर यू वु बात छिन जु कि साफ अर पवित्र छिन अर यों बातों बटि प्यार किये जान्दु, अर यू खुश कैर देण वळी छिन, अर यों मा हरेक किसम का गुण पये जनदिन, अर यों बातों की तारीफ किये जान्दी, अर यू वु बात छिन जौं पर लगातार तुमतै अपणु ध्यान लगौण चयेणु।