अर अप्पुलोस की मनसा छै कि वु समुन्दर का दुसरा छाला अखया मुलक मा जौ। इलै बिस्वासी भै-बैंणो न वेको हौसला बढै, अर अखया का बिस्वासी भै-बैंणो कू चिठ्ठी लिखी के बतै कि वेको स्वागत बड़ा प्यार से किये जौ। अर जब अप्पुलोस इख पौंछी, त इख पौंछण पर अखया का जौं लोगु न प्रभु की बड़ी किरपा की वजै से बिस्वास कैरी छौ, वेन ऊं बिस्वासी लोगु की भौत मदद कैरी।