2 कुरिन्थि 11:1 - Garhwali1 हे मेरा दगड़्यों, जन तुम दुसरा लोगु तैं स्वीकार करद्यां जु कि अपणी ही बातों पर बड़ु मोन करदिन, कास, उन्नि तुम मितैं भि स्वीकार करदा जब कि मि तुमरि नजर मा एक मूरख मनखि का जन बरतौ करदु। အခန်းကိုကြည့်ပါ။गढवली नयो नियम1 जु तुम वे तैं स्वीकार कैरी लींदियां जु अपड़ी तारीफ अफ ही करद अर इलै मि तैं आस च कि जु मि जरा मूर्खतापूर्ण बरतौ कैरो त वे तैं तुम सै लिला। အခန်းကိုကြည့်ပါ။ |
अर सच्चि मा पिता परमेस्वर ज्ञानी च। अर वेन अपणा ज्ञान का मुताबिक इन कैरी, अब चै मनखि कथगा भि ज्ञानी किलै नि हो, मगर उ अपणा ज्ञान से पिता परमेस्वर तैं नि पछ्याणी सकदु। इलै जब हम यीशु मसीह का बारा मा परचार करद्यां, त बिस्वास करण वळा लोगु तैं बचौण पिता परमेस्वर तैं अच्छु लगदु। अर जु लोग पिता परमेस्वर तैं नि पछ्याणदिन वु लोग ये वचन खुणि बेकार की बुल्दिन।
अर मि तुमतै चितै देन्दु कि तुमरा बीच मा कुछ इन्द्रया लोग ऐ गैनी, जु कि यीशु मसीह का बारा मा कुछ अलग ही शिक्षा देणा छिन, ज्वा कि हमरि दिईं शिक्षा से बिल्कुल अलग च। अर वे बगत मा तुमुन हमरा द्वारा शुभ समाचार तैं सुणी अर पवित्र आत्मा तैं पै, मगर अब तुम कै दुसरा ही रैबार तैं सुनणु खुणि अर कै दुसरा ही आत्मा तैं पौणु खुणि तयार होयां छाँ।