1 तीमुथियुस 6:20 - Garhwali20 तीमुथियुस, जु सच्चै का वचन त्वेतै दिये गैनी, वु वचन लोगु तैं सिखौणु रौ। अर जु लोग ईं सच्चि शिक्षा का खिलाप मा सिखौन्दिन, ऊं लोगु बटि अर ऊंकी बातों से दूर रौ। अर कुछ लोग गळती से वीं गळत शिक्षा तैं “ज्ञान” समझदिन अर वेका बारा मा सिखौन्दिन। အခန်းကိုကြည့်ပါ။गढवली नयो नियम20 हे तीमुथियुस, तू बतौ कि जु पिता परमेश्वर ल त्वे तैं द्ये तू उ ही करदी, अर ऊं लुखुं की नि सुनण जु हमेशा बेकार की बात करदींनि, ज्यां बट्टी पिता परमेश्वर तैं आदर नि मिल्द, अर बेकार मा विरोध करदींनि अर बुल्दींनि कि यु ज्ञान च, पर सच मा यु नि च। အခန်းကိုကြည့်ပါ။ |
अर ये नगर मा इपिकूरी अर स्तोईकी नौ का दुई ज्ञानी दल छा, अर यों दलों मा बटि कुछ लोग पौलुस बटि मिलिनी। अर ऊं बटि कुछ लोगु न बोलि, “यू कचर-कचर करण वळु मनखि क्या च बोन्नु?” दुसरो न बोलि, “अरे यू त पता नि कौं द्यबतों का बारा मा बतौणु च।” (अर या बात त ऊंन इलै बोलि, किलैकि पौलुस यीशु का बारा मा, अर मुरदो मा बटि मा ज्यून्द होण का बारा मा बतौणु छौ)।
हे मेरा दगड़्यों, जब मि कैतैं सिखौन्दु, त वे बगत मि मनखि का ज्ञान का मुताबिक बात नि करदु, मगर यीशु मसीह पर बिस्वास कैरिके जु ज्ञान मितैं मिलदु मि वेका मुताबिक ही बात करदु। अर यू सब त वेका पिछनै अटल ह्वेके चलण से मिलदु। अर ना ही मि ईं दुनियां का ज्ञानी अर अधिकारी लोगु का जन बात करदु। पर सुणा, ईं दुनियां का अधिकारीयों को अधिकार खतम होण वळु च।
मेरा दगड़्यों, चौकस रा, कखि कुई मनखि अपणी झूठ्ठी शिक्षा का द्वारा तुमतै पिता परमेस्वर से मिलण वळा इनाम से बेदखल नि कैरी द्यो, किलैकि झूठ्ठु मनखि लोगु तैं दिखौणु खुणि दीन बणदु अर स्वर्गदूतों की पूजा करण की बात सिखौन्दु, अर उ इन जोर देन्दु कि तुम भि ठिक इन्नि कैरा। अर इन्द्रया झूठ्ठा लोग बुलला कि ऊंन पिता परमेस्वर से सुपन्या मा दरसन का द्वारा यू ज्ञान पै, इलै ऊ अपणा विचारों पर बड़ु मोन करदिन, मगर सच्चै त या च कि ऊंका मनों मा यू विचार परमेस्वर की तरफा बटि नि छिन।
अर हम यू भि जणद्यां, कि परमेस्वर का नियम-कानून धरमी लोगु खुणि नि दिये गैनी, पर ऊं लोगु खुणि दिये गैनी जु लोग नियम-कानूनों तैं नि मणदिन, अर अधिकारी लोगु की बात नि मणदिन, परमेस्वर को आदर-सम्मान नि करदिन, पाप करदिन, दुष्ट जीवन जीण वळा छिन, अर परमेस्वर की बातों तैं नि मणदिन, अर ब्वे-बबों तैं जान से मरण वळा, अर हत्या भि करदिन।