1 थिस्सलुनीकी 5:7 - Garhwali7 किलैकि जु सिण वळा छिन ऊंकी आदत राति सिंणे की होन्दी, अर जु दारु पीण वळा छिन ऊंकी आदत जादातर राति ही दारु पीणे की होन्दी। အခန်းကိုကြည့်ပါ။गढवली नयो नियम7 किलैकि जु सींदा छिनी, उ राती कु ही सिंदींनि, अर जु नशा मा मतवला हूंदींनि, उ राती कु ही मतवला हूंदींनि। အခန်းကိုကြည့်ပါ။ |
अर हमरु सभौ दिन का उज्याळा का जन हो। हाँ, जन दिन को उज्याळु सभ्यों पर चमकदु, ठिक उन्नि हमरु सभौ भि हो ताकि वेका द्वारा हम सब लोगु खुणि अच्छु सभौ वळा बणि जा। अर नऽ त हमतै मौज-मस्ती करण चयेणी, अर ना ही हमतै नसा करण वळु होण चयेणु। अर नऽ त हमतै गळत सम्बन्ध रखण चयेणा, अर ना भोग-बिलास करण चयेणु, अर नऽ त हमतै कै का दगड़ा मा लड़ै-झगड़ा करण चयेणा, अर ना ही हमतै एक-दुसरा तैं देखि के जलत्यौण चयेणु।