त तुम अपणा कपड़ों खुणि किलै चिन्ता कना छाँ? अरे जंगळि फूलों तैं जरा ध्यान से त देखा कि ऊ कनकै खिल्दिन, नऽ त ऊ मेनत करदिन अर ना ही ऊ अफ खुणि कपड़ा बणौन्दिन।
मगर यीशु नाव का पिछनै का हिस्सा मा मुण्ड़ तौळ तकिया रखी के सिणु छौ। अर चेलों न वेतैं बिंजाळी के बोलि, “गुरुजी हे गुरुजी, तुमतै त हमरि कुई भि चिन्ता-फिकर नि च, कि हम मुरण वळा छां।”
तब यीशु न अपणा चेलों कू बोलि, “इलै मि तुम खुणि बोन्नु छौं कि अपणा जीवन की चिन्ता-फिकर नि कैरा कि हम क्या जि खौला, अर ठिक उन्नि अपणा सरील की चिन्ता नि कैरा कि क्या जि पैरुला।
अर कै भि बात की चिन्ता-फिकर नि कैरा, बल्किन मा हरेक बात मा प्रार्थना कैरा। अर पिता परमेस्वर से बिन्ती कैरिके मांगा की तुमतै क्या चयेणु, अर हरेक बात मा परमेस्वर को धन्यवाद देणा रा।