1 कुरिन्थि 9:7 - Garhwali7 अर इन्द्रयो सिपै कु च, जु सेवा मा हो मगर अपणु खर्च खुद ही उठौन्दु हो? अर इन्द्रयो मनखि कु च, जु अंगूर का बगिचा बणवौ, मगर वेका फल नि खौऽ? या इन्द्रयो चरवाह कु च जु भेड़ों की देखभाल करदु हो, मगर ऊंको दूद नि पीन्दु हो? အခန်းကိုကြည့်ပါ။गढवली नयो नियम7 एक सिपै तैं कभी भि अपड़ो खर्च अफी नि दींण पुड़दो; जब एक आदिम अंगूरों कु बगिचा लगौंद, त वे तैं वेको फल खांणो कु भि अधिकार हूंद; अर एक चरवाहा तैं अपड़ी ढिबरों बट्टी दूध पींणो कु भि अधिकार हूंद। အခန်းကိုကြည့်ပါ။ |
हे मेरा नौना तीमुथियुस, तू बिस्वास मा मजबूत बणयूं रौ। अर तिन परमेस्वर खुणि जु-जु काम करण छिन, वेका बारा मा भौत सा रैबर्यों न भविष्यबाणियाँ करिनी। अर जु कुछ भि ऊंका द्वारा बुले गै ऊंका मुताबिक ही मि त्वेतै आज्ञा देन्दु, कि तू एक सिपै की तरौं झूठ्ठा गुरु लोगु की शिक्षा का खिलाप एक अच्छी लड़ै कैर। अर सच्चा मन से अर बिस्वास रखी के इन्नि कनु रौ, किलैकि कुछ लोग न सच्चा मन का विचारों तैं नाकारियाली। फिर जन समुन्दर मा जाज टूटी के नास ह्वे जान्दु, ठिक उन्नि ऊंका बिस्वास को भि नास ह्वे गै।