1 कुरिन्थि 9:26 - Garhwali26 इलै मि बेमतलब मा नि भगदु, अर ना ही बेमतलब मा हवा मा मुक्का मरदु। အခန်းကိုကြည့်ပါ။गढवली नयो नियम26 जन एक दौड़ तैं दौड़ण वलो एक ही दिशा मा दौड़द या एक मुक्काबाज अपड़ा मुक्को तैं काबू मा रखद, उन ही मि अपड़ा मसीही जीवन मा मसीह का वश मा ज्यूँदो। အခန်းကိုကြည့်ပါ။ |
हम जणदा छां कि ईं दुनियां मा हमरु सरील एक तम्बू की तरौं च, जैको कुई ठौ-ठिकाणु नि च अर एक दिन येको नास ह्वे जाण। मगर स्वर्ग मा हमरा पास पिता परमेस्वर की तरफा बटि मिलण वळु एक इन्द्रयो सरील होलु जैन सदनि तक रौण। अर यू सरील एक इन्द्रया तम्बू की तरौं च, जु कि मनखि का द्वारा ना पर पिता परमेस्वर का द्वारा बणयूं च।
अर उख मि इलै ग्यों, किलैकि परमेस्वर न मि पर यू परगट कैरी छौ, कि मितैं उख जाण चयेणु। अर उख मि ऊं लोगु से मिलु, जु कि बिस्वासी समुदाय का अध्यक्ष लोग छा। अर ईं सभा मा मिन ऊंतैं अकेला मा जैके वे शुभ समाचार का बारा मा बतै, जैको परचार मि ऊं लोगु का बीच मा कनु छौं जु यहूदी जाति का नि छिन। अर इन मिन इलै कैरी, ताकि मेरी पैले की मेनत अर ज्वा मि अभि कनु छौं, कखि वा बरबाद नि ह्वे जौ।
हे मेरा भै-बैंणो, हम इन्द्रया ही भौत सा लोगु का बारा मा जणदा छां, जु कि बिस्वास का बारा मा हमतै हौसला देन्दा छिन। इलै अब हम पक्कु बिस्वास बणै के रखा, ठिक उन्नि जन एक खिलाड़ी अपणा बाटा मा औण वळी रुकावट तैं दूर करदु, ठिक इन्नि हम भि सब पापों तैं छोड़ि द्या अर सबर रखी के हरेक किसम की परेसानी तैं झेली के परमेस्वर का पिछनै चलण वळा बणा।