1 कुरिन्थि 7:37 - Garhwali37 पर अगर कै को इरादा मजबूत हो कि उ अणविवाक ही रालु अर उ अपणा ये फैसला पर अटल रौन्दु, अर वेतैं ब्यौ करण की जरुरत मैसूस नि होन्दी, बल्किन मा उ त अपणी इच्छा पर पूरु अधिकार रखदु, अगर उ इन करदु त उ भौत अच्छु काम कनु च। အခန်းကိုကြည့်ပါ။गढवली नयो नियम37 पर जु उ अपड़ा मन मा फैसला करद, कि वेकी नौंनि कु ब्यो नि कन बढ़िया च, अर कैल भि वे तैं इन कन कनु कु मजबूर नि कैरी, त वेमा उन कनु कु अधिकार च जु वेल तय करूं च। अर इलै जु उ वीं तैं अणबिवाक रखणों कु फैसला करद, त उ (पिता परमेश्वर की नजर मा) अच्छो काम कनु च। အခန်းကိုကြည့်ပါ။ |
अर तुम मा बटि कुछ लोगु न अपणी अणविवाक नौन्यों का बारा मा मि बटि पूछी, कि ऊंतैं क्या करण चयेणु त मि ऊंतैं इन सला देन्दु कि, अगर कै अणविवाक नौनि को ब्यौ करण को सही बगत ऐ गै, अर वींका ब्वे-बाब वींतैं ब्यौ करण से रोका, अर वा फिर भि ब्यौ करण चाणि हो त वींतैं ब्यौ करण द्या, किलैकि इन कैरिके तुम वींका दगड़ा मा कुछ गळत नि कना छाँ।