1 कुरिन्थि 6:19 - Garhwali19 क्या तुम नि जणद्यां, कि तुमरो सरील पवित्र आत्मा को मन्दिर च? जु कि तुमतै पिता परमेस्वर की तरफा बटि मिल्यूं च, अर तुमरा भितर वास करदु, အခန်းကိုကြည့်ပါ။गढवली नयो नियम19 तुम जणदां छा, कि तुम्हरी देह पवित्र आत्मा कु मन्दिर च; जु तुम मा बसयूं च, अर तुम तैं पिता परमेश्वर का तरपां बट्टी मिल्द, अर अब तुम अपड़ा न पर पिता परमेश्वर का छा। အခန်းကိုကြည့်ပါ။ |
अर कुछ लोग त इन भि बुल्दिन कि, “पुटगु त इलै ही च कि खाणुक खये जौ, अर खाणुक भि इलै ही च कि पुटगु भुरे जौ।” अर चला, मणद्यां कि या बात ठिक च, मगर औण वळा बगत मा पिता परमेस्वर न यों दुईयों को नास कैरी देण। हे मेरा दगड़्यों, जैका दगड़ा मा तुमरो ब्यौ नि कर्युं वेका अलावा कै दुसरा का दगड़ा मा गळत सम्बन्ध नि रखा, किलैकि या बात तुमरा सरील खुणि ठिक नि च। अर तुम मेरी बात तैं ध्यान से सुणा, केवल प्रभु यीशु ही च जु कि हमरा सरील को मालिक च।
अर मनखि खुद परमेस्वर को मन्दिर च, किलैकि ज्यून्द परमेस्वर अपणी पवित्र आत्मा का द्वारा हम मा रौन्दु, इलै मूरतों का दगड़ा मा परमेस्वर का मन्दिर को कुई रिश्ता नि च। अर जन कि पवित्रशास्त्र मा भि लिख्यूं च की परमेस्वर इन बुल्दु कि, “मि ऊंमा रौलु, अर ऊंका दगड़ा मा चललु, अर मि ऊंको परमेस्वर होलु, अर ऊ मेरा लोग होला।”