1 कुरिन्थि 3:10 - Garhwali10 अर मि वे जानकार मिस्त्री का जन छौं, जु कि मजबूत घौर बणौन्दु अर बुनियाद का डांग तैं बड़ी मजबूती से रखदु, अर यू दान मितैं पिता परमेस्वर न देई। अर इन्नि और लोग भि छिन, जु कि मेरी रखी बुनियाद पर घौर बणौण को काम कना छिन, मगर जरुरी बात त या च कि हरेक मिस्त्री अच्छी चिणैं कनु च। အခန်းကိုကြည့်ပါ။गढवली नयो नियम10 पिता परमेश्वर का वे वरदान का अनुसार, जु मि तैं दिए गै, मिल बुद्धिमान राजमिस्त्री का जन नींव डाली, अर अब कुई दूसरो वे घौर तैं बनांणु च। पर हर एक आदिम चौकनों रौ, कि उ वीं नींव पर वे घौर तैं कन कै बनांणु च। အခန်းကိုကြည့်ပါ။ |
तब यीशु न ऊंकू बोलि, “जब तुम लड़ै अर दंगों का बारा मा सुणिल्या, त घबरै नि जयां, किलैकि यों सब बातों को पैलि होण जरुरी च। पर वे बगत भि अन्त तुरन्त नि आलु, अर भौत सरा लोग मेरा नौ से आला अर बुलला कि, ‘मि उई छौं,’ अर इन भि बुलला कि उ ‘बगत नजदीक ऐ गै।’ पर मि तुमतै बतै देन्दु कि, तुम कै का पिछनै नि जयां, इलै चौकस रा कखि कुई तुमतै भरमै नि द्यो।”
अर अप्पुलोस की मनसा छै कि वु समुन्दर का दुसरा छाला अखया मुलक मा जौ। इलै बिस्वासी भै-बैंणो न वेको हौसला बढै, अर अखया का बिस्वासी भै-बैंणो कू चिठ्ठी लिखी के बतै कि वेको स्वागत बड़ा प्यार से किये जौ। अर जब अप्पुलोस इख पौंछी, त इख पौंछण पर अखया का जौं लोगु न प्रभु की बड़ी किरपा की वजै से बिस्वास कैरी छौ, वेन ऊं बिस्वासी लोगु की भौत मदद कैरी।