1 कुरिन्थि 13:11 - Garhwali11 हे मेरा भै-बैंणो, जब मि बच्चा छौ, त बच्चों की तरौं बात करदु छौ अर मेरी समझ भि बच्चों का ही जन छै, पर अब मि स्याणु ह्वे ग्यों, इलै मिन अपणु बचपना छोड़याली। အခန်းကိုကြည့်ပါ။गढवली नयो नियम11 यु मनिख का विकास का जन च; जब मि एक छुटो नौंनो छो, त मि एक छुटा बच्चों का जन बात करदु छों, सुचद छो अर विचार करदु छों। पर जब मि बड़ो हवे ग्यों त मिल अपड़ा बचपना बंद कैरी करदींनि। အခန်းကိုကြည့်ပါ။ |
हे मेरा भै-बैंणो, तुम अपणी सोच तैं छुटा बच्चों की तरौं नि बणा, बल्किन मा समझदार बणा। अर अगर जु तुम बच्चों की तरौं ही बणण चन्द्यां, त बुरै खुणि बणा। अर या बात मि इलै बोन्नु छौं, किलैकि बच्चा कै की बुरै का बारा मा नि सोचदिन। अर जख तक पिता परमेस्वर की खासियत का बारा मा बात च, त तुम लोग स्यांणा लोगु की तरौं सोच रखा।