1 कुरिन्थि 12:30 - Garhwali30 अर नऽ ही सब लोग बिमारों तैं खूब कैरी सकदिन, अर ना ही सब लोग अलग-अलग भाषा बोलि सकदिन। अर ना ही सब लोगु तैं इन बरदान मिल्यूं च कि वु अलग-अलग भाषा को अनुवाद कैरिके आम बोल-चाल मा वेको मतलब बतै सैका। အခန်းကိုကြည့်ပါ။गढवली नयो नियम30 कुछ ही छिनी, जौं तैं चंगा कनु कु वरदान मिल्युं च, कुछ ही छिनी जु बनि-बनि किस्मै की भाषा बुल्दींनि। အခန်းကိုကြည့်ပါ။ |
हे मेरा भै-बैंणो, तुम जु मसीह का अंग छाँ, तुम बिस्वासी समुदाय का लोगु तैं पिता परमेस्वर न चुणी, पैलि त खास चेला का रुप मा, दुसरा रैबर्या का रुप मा, तिसरा शिक्षा देण वळा। अर वेका बाद वेन ऊं लोगु तैं भि चुणी जौं का द्वारा वु चमत्कार का काम करदु, बिमारों तैं खूब करदु, अर वेन ऊंतैं भि चुणी जौं का द्वारा उ दुसरो की मदद करदु, अर ऊंतैं भि जु कि हर चीज को इंतजाम करौन्दिन, अर अलग-अलग भाषा बुलण वळा सब लोगु तैं वेन ही चुणी।