अर सरील का जौं अंगो तैं हम कम इज्जत का लैख समझद्यां, ऊंतैं हम ढाकी के रखद्यां अर ऊंतैं और भि जादा इज्जत देन्द्यां। अर इन कैरिके सरील का जु अंग इज्जत का लैख नि समझै जनदिन, ऊंतैं और भि जादा इज्जत मिलदी।
अर हम तुम पर भि भरोसा करद्यां, किलैकि तुम लोग हम खुणि प्रार्थना करद्यां, किलैकि पिता परमेस्वर प्रार्थनाओं को जबाब देन्दु अर हमतै संकट से बचौन्दु। तब भौत सा लोग हमरा खातिर परमेस्वर को धन्यवाद द्याला।