1 कुरिन्थि 11:16 - Garhwali16 अर अगर कुई आदिम ईं बात की वजै से बहस कन चान्दु हो, त उ इन जाणि ल्यो कि नऽ त हमरा इख इन्द्रयो दस्तूर च, अर ना ही कै दुसरा बिस्वासी समुदाय मा, कि जनानियां परमेस्वर की भक्ति का दौरान प्रार्थना या फिर वचन सुनौण का बगत मा अपणा मुण्ड़ पर कपड़ा नि रखदी हो। အခန်းကိုကြည့်ပါ။गढवली नयो नियम16 पर जु कुई सुचद कि जु कुछ मि बुल्णु छों उ गलत च, त यु जांणो कि न हमारी अर न पिता परमेश्वर की मण्डलि मा कुई रिवाज नि च। အခန်းကိုကြည့်ပါ။ |
अर यों लोगु तैं अपणा दगड़ा मन्दिर मा लि जा, अर ऊंका दगड़ा मा शुद्धिकरण का रीति-रिवाजों तैं पूरु कैर, अर ऊंको मुण्ड़न करौण को खर्च-पाणि भि तू ही उठे। अर इन देखि के सब लोग जाणि जाला, कि जु बात तेरा बारा मा बतये गैनी, वु सब झूठ्ठी छै। अर इन करण से ऊंतैं इन पता चलि जालु, कि तू भि नियम-कानूनों का मुताबिक चलदि।
इलै जबरि तक न्याय को बगत नि ऐ जान्दु, तबरि तक कै का दगड़ा मा कुई गळत काम नि कैरा। अर जब हमरु प्रभु यीशु आलु, त उई ईं बात को न्याय करलु, अर लोगु तैं ऊंका भला-बुरा कामों का बारा मा बतालु, जु ऊंन लुकि-छिपी के करिनी। अर उ इन भि बतालु, कि ऊंका मनों मा क्या च। तब पिता परमेस्वर ऊं लोगु की तारीफ करलु, जु वेका काम खुणि वफादार छिन।