1 कुरिन्थि 10:25 - Garhwali25 इलै बजारों मा जु कुछ भि लोग बिकौन्दिन, हम वेतैं लेके खै सकदा छां। अर हमतै यू पूछण कि जरुरत नि च, कि यू मूरत का अगनै चड़ये गै कि ना। हमतै बिना सक कियां खाण चयेणु। အခန်းကိုကြည့်ပါ။गढवली नयो नियम25 पर जब तुम बजार मा मीट खरीददां त वे तैं खा ल्या। पर यु नि पूछा कि यु मूर्तियों तैं चढ़यूं च या न, अर इन कन से तुम्हरो जमीर परेशान नि होलो। အခန်းကိုကြည့်ပါ။ |
पर फिर भि यू ज्ञान सब लोगु का पास नि च, किलैकि कुछ लोगु का बिंगण मा त अभि तक नि ऐ कि मूरतों मा कुई भि ताकत नि होन्दी। अर इन्द्रया लोग पैलि त मूरतों की पूजा करदा छा, अर ऊंका अगनै चड़ईं चीजों तैं खान्दा छा। अर अब जब वु लोग खाणुक खनदिन, त इन सोचदिन कि कखि यू मूरतों का अगनै चड़यूं खाणुक त नि च। तब ऊंको जमीर कमजोर होण की वजै से ऊंतैं दोषी ठैरान्दु, अर ऊ लोग इन बुल्दिन कि, “अरे, हम पाप कना छां।”