1 कुरिन्थि 10:15 - Garhwali15 अर यू सब बात मि तुम लोगु तैं समझदार समझि के बतौणु छौं। अर ज्वा बात मि बोन्नु छौं, तुम खुद ही वेको फैसला कैरा कि वा बात सही च या गळत। အခန်းကိုကြည့်ပါ။गढवली नयो नियम15 मि तुम लुखुं तैं समझदार जांणि के, यु बुल्णु छो; इलै ध्यान से सोचा कि जु मि बुल्ण छो व ठिक च या न। အခန်းကိုကြည့်ပါ။ |
अर जब हम प्रभु-भोज खाणु खुणि इकट्ठा होनद्यां, त इन याद रखा कि यीशु मसीह हमरा खातिर मरे गै। अर जब हम वेका कटोरा मा बटि पिन्द्यां, त यीशु मसीह की तारीफ करद्यां कि वेको ल्वे हम खुणि बुगये गै। अर ठिक उन्नि जब रुट्टी तुड़ै जान्दी, त इन याद किये जान्दु कि वेको बदन हम खुणि तुड़ै गै। अर इनकै हम यू परगट करद्यां कि हम यीशु मसीह का छां।
हे मेरा भै-बैंणो, तुम अपणी सोच तैं छुटा बच्चों की तरौं नि बणा, बल्किन मा समझदार बणा। अर अगर जु तुम बच्चों की तरौं ही बणण चन्द्यां, त बुरै खुणि बणा। अर या बात मि इलै बोन्नु छौं, किलैकि बच्चा कै की बुरै का बारा मा नि सोचदिन। अर जख तक पिता परमेस्वर की खासियत का बारा मा बात च, त तुम लोग स्यांणा लोगु की तरौं सोच रखा।
हे मेरा दगड़्यों, अब मि ऊं चीजों का बारा मा बतौण चान्दु, जु कुछ भि मूरत का अगनै चड़ये जान्दु, वीं सच्चै का बारा मा तुम जणदा ही छाँ, अर वेका बारा मा तुम सभ्यों का पास पूरु ज्ञान च। अर अगर तुम कैं चीज का बारा मा जणदा छाँ, त याद रखा कि जादा ज्ञान होण से मनखि का मोन भौत चैड़ि जनदिन, पर अगर जु हम एक-दुसरा से प्यार करद्यां, त यां से एक-दुसरे की तरक्की होन्दी।