रोमी 1:14 - देउखरिया थारु14 सभ्य जाति हुइँत या असभ्य जाति रहिँत, बुद्धिमान रहिँत या निर्बुद्धि, सक्कु जातिनहे खुशीक खबर सुनाइक लग मै ऋणी बतुँ। အခန်းကိုကြည့်ပါ။दङ्गौरा थारू14 काकरकि महीह सभ्य-असभ्य, पह्रल-नैपह्रल सबजहन खुशीक खबर सुनैना कर लागल बा। အခန်းကိုကြည့်ပါ။ |
काकरेकी विश्वासी बन्नासे आघे हम्रे फेन मूर्ख रही। और परमेश्वरके आज्ञा नै मन्नाहाँ रही। और हम्रे मनैनसे धोखा खैली। और जोन खराब कामहे हम्रे करे चाहतिही। और जोन कामहे करके हम्रिहिन्हे आनन्द मिले, ओसिन हर मेरिक खराब कामहे करना हम्रे छोरे नै सेकतिही। और हम्रे अपन जीवनहे महा घिनाहुन तरिकासे जिअतिही। और हम्रे दोसुर जहनसे बिह्रे मुअतिही। और हम्रे घृणित रही, और सक्कु जाने हम्रिहिन्हे घृणा करिँत। और हम्रे फेन ओइन्हे घृणा करी।