मै फेनदोस्रे हेर्नु, और अनगिन्ति स्वर्गदूतनके आवाज सुन्नु। और ओइने सिंहासनके चारु ओहोँर ठरह्याइल रहिँत। चौबीसथो अगुवन और चारथो जित्ती प्राणीन भर ओइन्के आँजरपाँजर रहिँत।
तब चौबीसथो अगुवनमेसे एक जाने महिन्हे कलाँ, “ना रोऊ। हेरो, जिहिहे यहूदक कुलके सिंह कहिजाइत। दाऊद रज्वक सन्तान शैतानहे जित्ले बताँ! और ऊ छालक चिट्ठीक सातथो सील टुरना और उहिहे खोल्ना योग्यक बताँ।”
ओकरपाछे मै वहाँ अतरा भारी मनैनके भीड़ देख्नु कि केऊ फेन ओइन्हे गिने नै सेके। ओइने संसारमे हर जाति, हर कुल, हर राष्ट्र और हर भाषामेसे आइल रहिँत। ओइने सिंहासन और पठ्वक आघे ठरह्यैलाँ। ओइने उज्जर लुग्गा घालल रहिँत। और प्रत्येक मनै अपन हाँथेम सम्मानके चिन्हक रुपमे खझ्रीक दहियाँ पकर्ले रहिँत।