प्रकाश 20:14 - देउखरिया थारु14-15 जेनके नाउँ जीवनके किताबमे नै लिखल रहिन, ओइने सक्कु जाने बर्ती रहल गन्धकके आगिक कुण्डामे जित्ती फेँकागिलाँ। ओकर पाछे, आब मृत्यु नै हो, आब मुअल मनैनके कौनो ठाउँ नै हो। यिहिएहे दोसर मृत्यु कहिजाइत, जोन मृत्यु गन्धकके आगिक कुण्डामे मिल्ना दण्ड हो। အခန်းကိုကြည့်ပါ။दङ्गौरा थारू14 मृत्यु ओ पाताल अग्नि-कुण्डम फाँक्गैल। यी अग्नि-कुण्ड द्वासर मृत्यु हो। အခန်းကိုကြည့်ပါ။ |
तब् उ दैँतुरवा और ओकर हाजिरीमे अचम्मक काम करुइया और झूँटा सन्देश देहुइया दैँतुरवा दुनु जाने पकरवा पागिलाँ। उ झूँटा सन्देश देहुइया दैँतुरवा यी दैँतुरवक ओहोँरसे चमत्कारके काम देखाइल। और ऊ उ सक्कु मनैनहे धोखा देहल, जेने दैँतुरवक छाप अपन लिल्हारीमे लग्वाइल रहिँत। और जेने ओकर मूर्तिक पुजा करिँत। यी दुनु जाने बर्ती रहल गन्धकके आगिक कुण्डामे जित्ती फेँकागिलाँ।
पर जेने महिन्हे विश्वास नै करथाँ, ओइने गन्धकलेके एकदम मनके दम्कती रना उ समुन्दरके झीलमे शामिल कराजिहीँ, जोन दोसर मृत्यु हो। और यहे हालत ओइन्के फेन हुइहिन, जेने मनैनके आघे महिन्हे स्वीकार करनासे डरैथाँ। और जेने खराब काम करथाँ। और जेने मनैनके हत्या करथाँ। और जेने छिनार काम करथाँ। और जेने जादू-टोना करथाँ। और जेने मूर्तिक पुजा करथाँ या झूँट बोल्थाँ।”
तब मै देख्नु कि एकथो हरद्यार रङ्गके घोरवा बाहेर आइल। और ओकरमे सवार रहुइयक नाउँ मृत्यु रहिस; और पाताल ओकर पाछे-पाछे बा। ओइन्हे पृथ्वीमे रना प्रत्येक चारथो मनैनमेसे एकथो मुवैना अधिकार मिल्लिन। ओइने उ मनैनहे तरवाललेके मुवादेलाँ। ओइने ओइन्हे भुँखेलेके मुवादेलाँ। ओइने ओइन्हे एकदम नै मजा-नै मजा रोगसे मुवादेलाँ। और ओइने ओइन्हे जङ्गली जानबरीनसे मरवादेलाँ।