14 यी दोसुर विपतके अन्त्य हो, अभिन वहाँ एकथो आकुर विपत बा जोन झत्तेहेँ आइता।
14 द्वासर विपत्ति बितल। आब तीसर विपत्ति आइक लाग बा!
यकर पाछे, मै आकाशमे एकथो आकुर चिन्हा देख्नु, जोन बहुत अचम्म लग्तिक और डरलग्तिक रहे। वहाँ सातथो स्वर्गदूत रहिँत, जेने सातथो अलग-अलग मेरिक विपत् लेले रहिँत। उ अन्तिम विपत् हुइँत। काकरेकी जब ओइने ओराजिहीँ, तब परमेश्वरके रिस ओराजिहीन।
तब मै हेर्नु, और मै आकाशमे एकथो चिल्हरियाहे उप्पर उरत देख्नु। और उहिहे मै असिके कहिके चिल्लाइत सुन्नु, “पृथ्वीमे रहुइया दुष्ट मनैनहे परमेश्वर दण्ड दिहीँ। काकरेकी जब फुँक्ना बाँकी रहल तीनथो स्वर्गदूतनके ओइन्हे देगिलक तुरही फुक्हीँ ते संसारमे सक्कु मनैनकेमे अइना विपत एकदम डरलग्तिक रही!”
पाँच महिना पाछे यी विपत ओराजाई। पर यकर पाछे फेन दुईथो आकुर विपत आइक लग बा।