और उ जन्नीक ओहोँर घुमके येशू सिमोनहे कलाँ, “यी जन्नीहे देख्लो कि यी महिन्हे का करल? मै तोहाँर घरक भित्तर अइनु, पर तुँ हमार चलन अनुसार महिन्हे गोरा धुइक लग पानी फेन नै देलो। पर यी मोरिक गोरा आँश लेके भिजाइल, और अपन भुट्लालेके पोँछल।
काकरेकी तुहुरिन्हे दु:खि करैना नै हो। पर तुहुरिन्के उप्पर रलक मोरिक प्रशस्त प्रेम तुहुरे जानो कहिके मनके बहुत्ते पीड़ा और वेदनामे बहुत्ते आँश बहैती मै यी चिट्ठी तुहुरिन्हे लिखल रहुँ।