ओइने येशूक थेन अइलाँ और कलाँ, “गुरुजी, हम्रे जन्थी कि अप्नि जबफेन सच्चा बात बतैथी, और अप्नि यी बातसे नै डरैथी कि दोसुरजाने अप्निक बारेम का बत्वैहीँ। काकरेकी अप्नि सक्कुहुनहे बराबर व्यवहार कर्थी, पर अप्नि परमेश्वरके बारेम मनैनहे सच्चाई बतैथी। ते हम्रिहिन्हे यी बताई कि का हम्रे रोमी महाराजाहे कर तिरना सही बा? हम्रे हुँकिन्हे कर तिरे परी कि नै तिरे परी?”