12 ठिक ओस्तेके यदि जन्नी मनैया अपन थरवासे छुट्पत्तर देके दोसुर जहनसे भोज करत कलेसे, ऊ फेन व्यभिचार करत।”
12 ओसहेँक आपन गोस्या छोर्क और गोस्या लिहुइया फे व्यभिचार कर्ठ।”
पर मै तुहुरिन्हे कहतुँ, जे अपन जन्नीहे व्यभिचारके कारण बाहेक दोसुर कारणसे छुट्पत्तर दि कलेसे, ऊ उहिहे व्यभिचारिणी बनाइत, और जे छोरल जन्नीक संग भोज करी, ऊ व्यभिचार करी।”
और यदि ओइने छुट्पत्तर देके अल्गे होजिलेसे फेन ओइने दोसुर भोज ना करिँत; या ते जन्नी मनैया अपन थरवासे फेनदोस्रे मिलजाए और थरवा फेन अपन जन्नीहे ना छोरे।
और ओस्तेहेँके जोन जन्नी मनैयक थरवा अविश्वासी बतिस, और ओकर थरवा उ जन्नी मनैयक संग हरदम जिअक लग तयार बतिस कलेसे उ जन्नी मनैया फेन अपन थरवाहे ना छोरे।