“जे महिन्से धेउर अपन दाई या बाबाहे प्रेम करत कलेसे, उ मोरिक चेला बन्ना लायकके नै रहत। जे महिन्से धेउर अपन छावा या छाइहे प्रेम करत कलेसे, उ मोरिक योग्यक नै रहत।
“यदि केऊ मोरिक थेन आई और अपन दाई, बाबा, जन्नी, छाइछावन और दादू-भैया, दिदी-बाबुनसे धेउर और अपन प्राणके फेन ख्याल नै करके जबसम महिन्हे प्रेम नै करी, तबसम ऊ मोरिक चेला हुई नै सेकी।
तबेकमारे आबसे हम्रे केक्रो मूल्यांकन बाहिरी चिजके आधारमे नै करब। और हम्रे ख्रीष्टहे एकथो समय बाहिरी चिजके आधारमे हेरल रही, पर आबसे हम्रे हुँकिन्हे असिके नै हेरब।