17 तबेकमारे हम्रिहिन्हे बताई, महाराजाहे कर तिरना उचित बा, कि नै हो?”
17 आब हमन कही, रोमी सरकारह कर तिर्ना ठीक हो कि नाही?”
ऊ कहल, “हाँ, तीर्थाँ।” पत्रुस घरेम पैँठ्तिकिल येशू सुरुएमे उहिहे पुँछ्लाँ, “सिमोन, तोहाँर का विचार बा? पृथ्वीक रज्वन महसूल या कर किहिसे उठैथाँ? अपन छावनसे कि दोसुर जहनसे?”
पर येशू ओइन्के दुष्टता पता पाके कलाँ, “हे कपटीन, तुहुरे महिन्हे काकरे जँच्थो?
उ समयमे महाराजा अगस्टस अपन सारा रोमी साम्राज्यक सक्कु मनैनके जनगणना लेना हुकुम देहल।
हम्रे महाराजाहे कर तिरना ठिक बा कि नै हो?”
जब रोम देशके महाराजा तिबेरिअसके यहूदिया प्रदेशमे शासन कर्लक पन्द्र साल हुइल रहिस। तब वहाँक राजपाल पन्तियस पिलातस रहे। वहे समयमे हेरोद गालील प्रदेशके शासक रहे, और ओकर भैया फिलिप इतुरिया प्रदेश और त्राखोनितिस प्रदेशमे शासन करतेहे।
और यासोन ओइन्हे अपन घरेम रना अनुमति देले बा, और ओइने सक्कु जाने येशू कना एकथो दोसुर रज्वा बा कहिके रोमी महाराजक हुकुमके विरोध करथाँ।”
पर पावल अपन पक्षमे बोल्ती कहल, “मै यहूदिनके नियम कानुनके विरोधमे, मन्दिरके विरोधमे और महाराजक विरोधमे कुछु अपराध नै करल हुइतुँ।”
पर अप्निक विचार का बा? वहे हम्रे अप्निसे सुन्ना चहथी। काकरेकी हम्रे जन्थी कि प्रत्येक ठाउँमे प्रभुक डगरके बारेमे मनै विरोध करथाँ।”
ओकर पाछे जनगणनक समयमे गालील प्रदेशके यहूदा आइल। और बहुत मनैनहे अपन ओहोँर करालेहल; ऊ फेन मुवागिलस, और ओकर पाछे लगुइयन फेन छिदिरबिदिर होगिलाँ।