30 पर ऊ नै मानल और जाके कर्जा नै तिरतसम उहिहे झेलमे दारदेहल।
30 “तर ऊ नैमानल, ओ ऋण नैतिरट्सम ओहीह झ्यालखानम डारदेहल।
पर संघरिया-नोकर घोपत्या होके उहिहे अपन हाँथ जोरके कहल, ‘थोरिक दिन अँस्याई, मै सक्कु कर्जा अप्निन्हे चुक्ता करदेहम।’
ओकर दोसुर संघरिया-नोकरनके यी सक्कु देख्लाँ, और ओइने गजब दुखि होगिलाँ। ओइने यी सक्कु घटना रज्वक थेन जाके बतादेलाँ।