येशू कलाँ, “तबेकमारे तुहुरे हौश्यार रहहो, असिके तुहुरिन्के मनके लापरवाही, मद्वापन और जिन्गीक चिन्तासे तुहुरिन्के मन सुस्त ना होजाए। और उ दिन तुहुरिन्के उप्पर एकफाले फाँदा हस ना आजाए।
कौनो बिया पठराहा जमिनमे परलाँ, जहाँ धेउर माटी नै रहे। यी झत्तेहेँ जामगिलाँ, काकरेकी यम्ने माटी धेउर गहिँर नै रहे। पर यी बोँट दिनके धेउर घामके कारण कुल्मुलागिल। काकरेकी ओकर लग ठिक्केपर पानी नै रहिस।