12 उ दिनमे येशू एकथो पहाड़मे प्राथना करे गैलाँ, और परमेश्वरसे प्राथना कर्ती पूरा रात बितैलाँ।
12 उ समयम येशू पर्वत्वम जाक रातभर परमेश्वरसे प्रार्थना कर्ल।
मनैनके सभाहे देख्के येशू पहाड़के आँरितिर थोरचे ऊँच ठाउँमे गैलाँ। ऊ ओइन्हे शिक्षा देहक लग बैठ्गिलाँ। तब हुँकार चेलन हुँकार थेन अइलाँ।
पर जब तुँ प्राथना करबो, अपन भितरका कोन्तीमे जाऊ, और दवार लगाके अपन स्वर्गमे रहुइया बाबाहे प्राथना करो, जोन बाबाहे केऊ फेन देखे नै सेकत। तब तोहाँर बाबा जे गुप्तमे कर्लक काम देखत, ऊ तुहिन्हे ईनाम दि।
धुस्मुस्सेहेँ बेहान्नी उठ्के येशू नगरमेसे बाहेर निकरके सुनसान ठाउँमे गैलाँ, और प्राथना करे लग्लाँ।
ओकरपाछे येशू लग्गेक एकथो पहाड़मे चलगिलाँ, और ऊ ओइन्हे फेन बलैलाँ, जेनहे ऊ अपन चेला हुइक लग चुनल रहिँत, और ओइने भीड़मेसे हुँकार थेन अइलाँ।
सक्कु मनैनहे ओइन्के घरे जैना विदा देके येशू उप्पर पहाड़ ओहोँर प्राथना करे चलगिलाँ।
पर येशू भर सुनसान ठाउँमे जाके प्राथना करिँत्।
पर फरिसीनके रिसेलेके चुर होगिलाँ, और येशूहे का करी कहिके आपसमे योजना बनाई लग्लाँ।
येशू ओइन्के संग धिक्वामेसे तरे उतरके एकथो बराबर धर्तीमे ठरह्यैलाँ। हुँकार चेलनके एकथो बरवार भीड़ और सक्कु यहूदिया प्रदेश और यरुशलेम शहर, समुन्दरके आँजरपाँजरके टुरोस और सीडोनके आँजरपाँजरके ईलाका ओहोँरसे मनैनके बरवार भीड़
एकचो येशू एक्केली प्राथना करतिहिँत, चेलनके हुँकार संग रहिँत और येशू ओइन्हे पुँछ्लाँ, “मनै मोरिक बारेम का कथाँ कि मै के हुइतुँ?”
यी बातके लगभग आठ दिन पाछे पत्रुस, यूहन्ना और याकूबहे अपन संग लैजाके प्राथना करक लग ऊ पहाड़मे चहुँरलाँ।
जब ऊ प्राथना करतिहिँत, तब हुँकार मुहारके रुप बदलगिलिन, और हुँकार लुग्गा बिज्ली चम्कल हस चहकार होगिलिन।
येशू पहाड़मे गैलाँ, और अपन चेलनके संगे वहाँ रलाँ।
हरदम प्राथना कर्ती रहो, और प्राथना करेबेर तुहुरे हौश्यार रहो, और रोट्दिन परमेश्वरहे धन्यवाद देऊ।
येशू अपन शारीरिक जीवनमे रहलमे अपनहे मुअलमेसे बँचुइया परमेश्वरसे जोरसे रुइति बिन्ती और प्राथना चह्रैलाँ। हुँकार नम्रता और भक्तिक कारण परमेश्वर हुँकार प्राथना सुन्लिन।