38 लावा अंगुरके रस लावा छालक ठैलामे धारे परत।
38 लौव अङ्गूरिक मद त लौव छालक थैलीम ढरपर्ठा।
केऊ फेन पुरान छालक ठैलामे लावा अंगुरके रस नै धारत। नै ते ठैला फुटजाइत, और अंगुरके रस अँराजाइत, और ठैला खराब होजाइत। पर लावा अंगुरके रस लावा छालक ठैलामे धारजाइत और दुनु बँचजाइत।”
कौनो मनैया लावा अंगुरके रस पुरान छालक ठैलामे नै धारत। नै ते लावा अंगुरके रससे छाला फाटजाइत, और अंगुरके रस अराँजाइत, और ठैला फेन खराब होजाइत।
कौनो मनै पुरान अंगुरके रस पिके लावाहे चाह नै करी। काकरेकी ऊ कहत, ‘पुराने मजा बा।’”
तबेकमारे यदि केऊ ख्रीष्टहे विश्वास करत कलेसे ऊ लावा स्वभाव भेटैले बा। पुरान बात बितगिल बा, हेरो, उ सक्कु लावा होगिल बा।
काकरेकी शरीरहे तालिम देलेसे थोरचे फाइदा हुइत। पर परमेश्वरके भक्ति कर्लेसे सक्कु बातमे फाइदा हुइत। काकरेकी अब्बे और भविष्यमे तुँ उ जीवन भेटैबो, जेकर वाचा परमेश्वर कर्ले बताँ।
सिंहासनमे बैठुइया महिन्हे कलाँ, “हेरो, मै सक्कु चिज लावा बनादेथुँ।” ऊ असिक फेन कलाँ, “यी लिखो, मोरिक कहल बातमे तुँ विश्वास करे सेक्थो। यी बात पक्कै हुइहीँ।”