37 येशू दुप्पहरके मन्दिरमे शिक्षा दिँत, और रातके निकरके जैतून कना परबत्वामे रात बिताइँत।
37 येशू हरेक दिन मन्दिरम जाक मनैन सिखाइँट् ओ रात हुइलसे जैतून पर्वत्वम जाक सुतँट्।
जब येशू और हुँकार चेलनके यरुशलेम शहरके लग्गे जैतून पहाड़के बेथफागेमे आपुग्लाँ। तब् येशू दुईथो चेलनहे असिक कहिके पठैलाँ,
तब् ओइन्हे छोरके ऊ शहरमेसे निकरके बेथानिया गाउँमे जाके वहाँ रात बितैलाँ।
तब् येशू और हुँकार चेलनके निस्तार-तिहुवारके गीत गाके सेकके ओइने शहरमेसे निकरके जैतून पहाड़ ओहोँर गैलाँ।
वहे समयमे येशू भीड़के मनैनहे कलाँ, “डाँकक विरोधमे आइल हस महिन्हे पक्रे तरवाल और भट्ठा लेके तुहुरे काकरे अइलो? मै रोज मन्दिरमे शिक्षा देती बैठुँ, तब् तुहुरे महिन्हे नै पकरलो।
दोसुर दिन, जब ओइने बेथानिया गाउँमेसे फिर्ता आइतिहिँत, तब येशूहे भुँख लागगिलिन।
जब संझा हुइल, ते येशू और हुँकार चेलनके नगरमेसे चलदेलाँ, और बेथानिया गाउँमे रातके सुते गैलाँ।
तुहुरे महिन्हे यरुशलेमके मन्दिरमे गिरफ्तार काकरे नै करलो? मै वहाँ तुहुरिन्के बिच्चेम हरेक दिन शिक्षा दिऊँ। पर यी चिज उ पूरा हुइक लग हुइता, जोन पवित्र शास्त्र मोरिक बारेम कहत।”
जब येशू बेथफागे और बेथानिया गाउँक लग्गे जैतून कना पहाड़मे पुग्लाँ। ऊ अपन चेलनमेसे दुई जहनहे असिक कहिके पठैलाँ,
जब येशू यरुशलेम शहरके लग्गे उ ठाउँमे अइलाँ। जहाँसे डगर तरे जैतून पहाड़ ओहोँर खल्हाए। तब चेलनके पूरा भीड़ अपन देख्लक उ सक्कु शक्तिशाली कामहे सम्झती आनन्दित होके परमेश्वरके प्रशंसा कर्ती जोरसे चिल्लाई लग्लाँ।
येशू रोज मन्दिरमे शिक्षा देहतिहिँत। पर मुख्य पुजारीनके, यहूदी कानुनके गुरुनके और जनतनके प्रमुख मनै हुँकिन्हे मुवाई खोजिँत।
बाहेर निकरके सदादिनके हस येशू जैतून पहाड़मे गैलाँ, और हुँकार चेलनके फेन हुँकार पाछे-पाछे लग्लाँ।
निस्तार-तिहुवारके छे दिन आघे येशू बेथानिया गाउँमे अइलाँ। वहाँ लाजरस बैठे, जिहिहे येशू मुअलमेसे जिवाइल रहिँत।
आब यहूदा जे येशूहे पक्रा देहक लग रहे, उ ठाउँ जानल रहे। काकरेकी येशू बहुतचो अपन चेलनके संग खास करके वहैँ जाँइत।
जब उ स्वर्गदूतनके चलगिलाँ, तब् चेलनके जैतून कना पहाड़मेसे यरुशलेम शहरमे घुमगिलाँ। यरुशलेम शहरसे यी पहाड़ लगभग एक किलोमिटर जतरा दूर परत।