काकरेकी परमेश्वर संसारके मनैनहे असिन प्रेम करलाँ कि ऊ अपन थेन रलक एक्केथो किल छावाहे दैदेलाँ, ताकि हुँकारमे विश्वास करुइया केऊ फेन नाश ना होए, पर ऊ सदाकालके जीवन भेटाए।
जे परमेश्वरके छावकमे विश्वास करी, उहिहे दण्डक आज्ञा नै हुई। पर जे हुँकारमे विश्वास नै करी, ऊ आग्गिहीँ दोषी ठहरागिल बा। काकरेकी ऊ परमेश्वरके एक्केथो छावक नाउँमे विश्वास नै करल हो।
जे परमेश्वरके छावकमे विश्वास करत, उहिहे सदाकालके जीवन मिलगिल बतिस। पर जे परमेश्वरके छावक कलक नै मानत, उहिहे सदाकालके जीवन नै मिल्हिस, पर परमेश्वरके दण्ड ओकरमे पलिरही।”
जात्तिके, मै तुहुरिन्हे कहतुँ, जे मोरिक वचन सुनत और महिन्हे पठुइयकमे विश्वास करत, उहिहे सदाकालके जीवन मिल्हिस, और उहिहे दण्ड नै मिल्हिस। पर ऊ सदाकालके मृत्युसे बँचगिल बा, और आग्गिहीँसे लावा जीवनमे जासेकल बा।
काकरेकी मोरिक बाबक इच्छा यहे हो, कि जे-जे मै छावाहे हेरहीँ, और मोरिकमे विश्वास करहीँ, ओइने प्रत्येक जाने सदाकालके जीवन भेटैहीँ। और मै ओइन्हे अन्त्यक दिनमे जित्ती करैम।”