येशू यी बात बुझगिलाँ कि ओइने हुँकिन्से यी बातके मतलब पुँछे खोजतताँ। तब ऊ ओइन्हे कलाँ, “का तुहुरे एकदोसुर जहनमे यी बारेमे विचार करतो कि मै तुहुरिन्हे कनु कि थोरचे समय पाछे तुहुरे महिन्हे नै देख्बो, और थोरिक समय पाछे तुहुरे महिन्हे फेनदोस्रे देख्बो?
पर तुहुरिन्केमेसे बहुत्ते जाने बताँ, जेने विश्वास नै करथाँ।” काकरेकी विश्वास नै करुइयन के-के हुइँत, और हुँकिन्हे धोखा के दि कहिके येशूहे सुरुएसे पता रहिन।