गलाती 5:19 - देउखरिया थारु19 तुहुरे सक्कु जाने जन्थो कि जोन मनै अपन पापी स्वभावके पाछे नेंग्थाँ, ओइने का-का करथाँ। अथवा ओइने व्यभिचार करथाँ, ओइन्के अशुद्ध सोँच-विचार रथिन, और ओइने कामुकतामे रथाँ। အခန်းကိုကြည့်ပါ။दङ्गौरा थारू19 पाप स्वभावक काम का-का हो कलसे: व्यभिचार कर्ना, अशुद्ध विचार कर्ना, छाडा हुइना, အခန်းကိုကြည့်ပါ။ |
काकरेकी विश्वासी बन्नासे आघे हम्रे फेन मूर्ख रही। और परमेश्वरके आज्ञा नै मन्नाहाँ रही। और हम्रे मनैनसे धोखा खैली। और जोन खराब कामहे हम्रे करे चाहतिही। और जोन कामहे करके हम्रिहिन्हे आनन्द मिले, ओसिन हर मेरिक खराब कामहे करना हम्रे छोरे नै सेकतिही। और हम्रे अपन जीवनहे महा घिनाहुन तरिकासे जिअतिही। और हम्रे दोसुर जहनसे बिह्रे मुअतिही। और हम्रे घृणित रही, और सक्कु जाने हम्रिहिन्हे घृणा करिँत। और हम्रे फेन ओइन्हे घृणा करी।
पर जेने महिन्हे विश्वास नै करथाँ, ओइने गन्धकलेके एकदम मनके दम्कती रना उ समुन्दरके झीलमे शामिल कराजिहीँ, जोन दोसर मृत्यु हो। और यहे हालत ओइन्के फेन हुइहिन, जेने मनैनके आघे महिन्हे स्वीकार करनासे डरैथाँ। और जेने खराब काम करथाँ। और जेने मनैनके हत्या करथाँ। और जेने छिनार काम करथाँ। और जेने जादू-टोना करथाँ। और जेने मूर्तिक पुजा करथाँ या झूँट बोल्थाँ।”