१ कोरिन्थी 13:4 - देउखरिया थारु4 जोन मनै दोसुर जहनहे प्रेम करथाँ, ओइने धिरजतासे और दयासे काम करथाँ। ओइने बिह्रे नै मुथाँ, ओइने अपन प्रशंसा नै करथाँ, और ओइने घमण्ड फेन नै करथाँ। အခန်းကိုကြည့်ပါ။दङ्गौरा थारू4 प्रेमम सहना ओ दया कर्ना गुण रठस। प्रेम डाहा नैकरट्, धाक नैलगाइट्, घमण्ड फे नैकरट्। အခန်းကိုကြည့်ပါ။ |
ऊ शरीरके मुन्टा हुइँत, यी हुँकार माध्यमसे हुइत कि शरीरके सक्कु अंगक रेखदेख हुइत, और ओइन्हे एक्के संग धारजाइत। तबेकमारे यी ओसिके बह्रत, जसिके परमेश्वर चहथाँ कि यी बह्रे। हौश्यार रहो, कि केऊ फेन तुहुरिन्हे बेज्जत करके और स्वर्गदूतके आराधना करके तुहुरिन्हे अयोग्य ना ठहराए। असिन मनै उ बातके बारेमे बहुत गहिँराइमे जैथाँ, जोन बात ओइने देख्थाँ। और यी ओइन्के मानवीय सोँचके कारण ओइन्हे मूर्खता भरल घमण्डसे भर देथिन। ओइने ख्रीष्टहे छोरदेले बताँ।
काकरेकी विश्वासी बन्नासे आघे हम्रे फेन मूर्ख रही। और परमेश्वरके आज्ञा नै मन्नाहाँ रही। और हम्रे मनैनसे धोखा खैली। और जोन खराब कामहे हम्रे करे चाहतिही। और जोन कामहे करके हम्रिहिन्हे आनन्द मिले, ओसिन हर मेरिक खराब कामहे करना हम्रे छोरे नै सेकतिही। और हम्रे अपन जीवनहे महा घिनाहुन तरिकासे जिअतिही। और हम्रे दोसुर जहनसे बिह्रे मुअतिही। और हम्रे घृणित रही, और सक्कु जाने हम्रिहिन्हे घृणा करिँत। और हम्रे फेन ओइन्हे घृणा करी।