पावल रे सिलास डर्बि सहर रे लुस्त्रा सहरमि लगइ आया। ताँ प्रभुमि बिश्वास अद्द्या तिमोथी नाउँ भया एक जाना शिष्य थ्या। तिन एक यहुदि बिश्वासि स्वानिको चेला थ्या, तर तिनरा बा भण्या ग्रीक देशमि बस्यावाला थ्या।
तिनन यिसो भणबर कला हाल्ल पस्या, “हे इस्राएल देशका मान्सन हो, सहयोग अर, मान्सनलाइ जाँ पायो ताँइ हामरा जातिलाइ मोशाको कानुन जन माण रे मन्दिरमि पुजा जन अर भण्न्या शिक्षा दिन्या यइ मान्स हो, इति मान्तर होइन, यइले गैर-यहुदि मान्सनलाइ लगइ मन्दिर भित्तर लेइबर यइ पबित्र ठाउलाइ असुद्द पाण्यो।”
पइ फिलिप उठीबर गयो, रे एक जाना इथोपिया देशका नपुसकलाइ भेट्यो, जो इथोपिया देशकि रानी कन्दाकिका ठुला हाकिम रे सब सम्पतिको कोषाध्यक्ष थ्या, उन यरुशलेम सहरमि आराधना अद्दाइ गइरइथ्या।
तबइकिलाइ ग्रीक अथवा यहुदि, खतना अर्या अथवा खतना नअर्या, बिदेशी अथवा असभ्य मान्सन, नौकर अथवा स्वतन्त्र मान्सनका बिचमि फरक हुन्या आथिन। उन ख्रीष्ट हुन, जो सबहइ महत्वपूर्ण छन, रे उन तमन हरेकमि रनाहान।