34 तसौ उखर्ह्वाइ ओक्रानि हँस्थिला, थुक्थिला, कोर्राइसौ बाज्राथिला आउँ ओक्रानि मार्थिला। तर तेस्रो दिनै उ फेरि मोर्लोक्भटे जिउँटो भेहिन् उठैस्।”
तसौ यि कहिन् सुनिबानाइ माहा-पुझरिय आफ्निक् लुगा चिरिबानाइ यन्हिं बाज्लक्, “असौ हाम्रालाइ ओर्को किस् साछिलक् चाइल्ह ते?
तसौ ओछि रैल्ह कुन्हुँ-कुन्हुँइसेहे येसुलाइ थुक्लिहिंक्, आउँ ओक्राक् आँख झाँकाइबानाइ पित्तिहि बोल्लिहिंक्, “लु बाज्ता, तुँइ अगमबक्ता भेइबुने तोरानि कुनेग्वाइ पित्वास्?” ओक्राक्पाछु पाल्यालके आको ओक्रालाइ पिट्टे लेगालिहिंक्।
किसाबुने येसुइ आफ्निक् चेलालकलाइ माटेन् सिखातिहि रैल्हक्। ओहिं उखर्ह्वानि यन्हिं बोल्लाहा, “मुँइ मानुसक् बेटाहिंक्लाइ धोखा देहिन् पक्रिबानाइ मानुसलकक् हाथै सोंपट्थ्ला, आउँ उखर्ह्वाइ मोरानि मारट्थ्ला, तर मुँइ मोर्लो तिन दिनपाछु फेरि जिउँटो भेहिन् उठ्म्ना।”
ओक्राक्पाछु हेरोद आउँ ओक्राक् सिपाहिलके येसुलाइ गिंज्यातिहि अप्मान् कर्लिहिंक्, तसौ येसुलाइ राजाइ पेहेर्बाक् परौ लुगा पेहेराहिन् पिलातुसक् ठालाइ फर्काहिन् पाठालिहिंक्।